दिल में सपने धड़क रहे हैं
दूर क्षितिज पर वे गोचर हैं
रास्ते बहुत मुश्किल हैं
पैर हमारे थके मांदे हैं
मंज़िल को पाना ज़रूरी है
पार करना हर मजबूरी है
जीवन विष का प्याला है
हर एक घूंठ हमें पीना है
नहीं कोई ध्येय आसान है
न ही कोई लक्ष्य दुःसाध्य है
बाज़ुओं में अपनी ताक़त है
मन में पक्का इरादा है
तरक़्क़ी के मौके अनगिनत हैं
टांग अड़ारहे पुरुष अहंकारी हैं
क़दम क़दम पर अवरोध हैं
लांघने हमें अनेक टट्टर हैं
माँ की कोख में खतरा है
शिक्षा की कक्षा डरावनी है
क़दम क़दम पर आतंक है
नहीं सुरक्षा कहीं भी है
माँ बाप लाचार और बेबस हैं
सरकार और समाज उदासीन हैं
कानून और व्यवस्था असहाय हैं
महिलाओं के जीवन कँटीले हैं
हमले के बाद के विरोध बेकार हैं
लाख मोमबत्तियां मजबूर हैं
सुरक्षा कर्मी अपने खुद बनने हैं
नहीं और कोई रास्ते दूजे हैं
नारी की इज़्ज़त अपरक्राम्य है
बलात्कारी हैवान को मिटाना है
अपना ये जंग खुद लड़ना है
ये ज़िम्मेदारी भी खुद उठानी है
चलो थोड़ा और जूझते हैं
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