Musings of a non-entity
Who am I?
Saturday, 28 April 2018
वक़्त वक़्त की बात
वक़्त का क्या,
कभी ये लड़खड़ाए तेरी तलाश में, तो कभी दौड़े तेरी आगोश में,
या फिर थमे रहगुज़र-ए-ज़िन्दगी पे तेरी फुरक़त में ।
ये तो वक़्त वक़्त की बात है ।
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