वो
माँ बाप जिन्होंने बड़े प्यार से पाला
वो
भाई बहन जिनके साथ जी भर के खेला
वो
मित्र जिनके साथ बांटा जीवन का प्याला
वो
जीवन साथी जिनके संग सुख दुःख झेला
उठा एक तूफ़ान उड़ा जीवन का
तिनका
न कोई है चाह, न ही मीत मन का
न रिश्ते हैं न नाते, न साथी जीवन का
बस एक ईश्वर, नहीं कोई जिनका
तलाश
में हैं ये आँखें जो प्यासी
धड़कन
बनी इस दिल की उदासी
न
कोई है उम्मीद किसीसे ज़रासी
जीवन
बना है एक मंज़र मायासी
कहती
है गीता कि सब कुछ है माया
न
बाप और भाई, न बहन और मैया
यहीं
पर लुटानी है जो कुछ भी पाया
तेरे
साथ क्या जाए, क्या तूने लाया
दिल-ए-नादाँ
तू खोल आँखें अपनी
यहां
की है हर चीज़, यहीं पे है रहनी
न
साथ आयी है, न ही साथ जानी
पहचान
ईश्वर को, कुछ और न अपनी
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