Musings of a non-entity
Who am I?
Tuesday, 24 April 2018
काश
काश
मानव के
हर
दोष
को
दंड
संहिता
के
ज़रिये
सुधार
सकते
काश
समाज
की
हर
बुराई
को
नियमों
के
ज़रिये
हटा सकते
काश
दुनिया
के
हर
जुर्म
को
कानून
के
ज़रिये
मिटा
सकते
काश
इन
सब
तरक़ीबों
से
पीड़ितों
की
पीड़ाएं
दूर
कर
सकते
काश
...
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